मार्क्सवादी ब्रामणवाद

मार्क्सवादी ब्रामणवाद के सबसे प्रबल अनुयायी हैं. ब्राह्मणवाद की नब्ज सूफियों ने पकड़ी थी. उनके चमत्कारी करतबों और मनोकामना पूरी करने के प्रचार से  आकर्षित हिन्दू उनके प्रति श्रद्धा जताते तो प्रसाद स्वरूप उन्हें शरबत थम्हा देते. मुसलमान के हाथ का शरबत पीने वाले और उसका छुआ खाने पीने वालों का धरम बदल जाता. पवित्रता या सैद्धांतिक शुद्धता के नाम पर पहले  पञ्चमार्गी करार देकर जो किया जाता रहा वह इतिहास की भिन्न पर सही समझ को भगवाकरण कह कर किया जाने लगा.

गलत विचार को प्रमाण सहित गलत सिद्ध करने के स्थान पर आरोप लगाकर उच्चाटन मंत्र का प्रयोग फासिज्म है या कम्युनिज्म? आपकी इस सामयिक टिप्पणी के लिए आपको साधुवाद. 

(Lal bahadur varma ki tippani par) 

10/6/2015 10:02:09 AM

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